Poem: आशिकों का जनाज़ा
#MyPoems #Hindi
उस दर्द को क्या हम याद करें
जिसने हमें तन्हा कर दिया
उस बेदर्द को हम क्या याद करें
जिसने हमे बेपनाह कर दिया
आशिकों का जनाज़ा तो कई बार निकला
पर उस हमदर्द को हम क्या याद करें
जिसने हमें ही फनाह कर दिया
~~~कृतिका गुप्ता शर्मा
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